राहुल ने उप्र में अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दिए, कहा- कांग्रेस को हल्के में लेना बड़ी भूल होगी

नई दिल्ली. कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। गल्फ न्यूज को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा- कई दिलचस्प चीजें हैं, जिन्हें कांग्रेस उत्तर प्रदेश में कर सकती है। उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस का आइडिया काफी मजबूत है। ऐसे में हमें अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है और हम लोगों को चौंका देंगे।

विपक्ष को साथ लाने का प्रयास कर रहे- राहुल
यह पहला मौका है जब राहुल ने उप्र में अकेले चुनाव लड़ने के बारे में संकेत दिए हों। इससे पहले बसपा और सपा ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को समर्थन दिया। राहुल ने कहा, "हम सभी विपक्षी पार्टियों को साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं। मैंने मीडिया में कुछ बयान सुने हैं, लेकिन हम मिलकर काम करने जा रहे हैं, हमें विश्वास है कि हम मोदी को हराएंगे। लेकिन मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि उप्र में कांग्रेस को हल्के में लेना बड़ी गलती है।'' 

राहुल ने कहा- हमारा पहला मकसद नरेंद्र मोदी को हराना है। जिन राज्यों में हम मजबूत हैं या हम पहले नंबर पर हैं, वहां भाजपा के खिलाफ अकेले चुनाव लड़ेंगे। महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु, बिहार में गठबंधन की संभावनाएं हैं। यहां गठबंधन का फॉर्मूला तैयार करने पर काम चल रहा है। मोदी को हराने के लिए हम अन्य राज्यों में गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं।

सपा-बसपा कांग्रेस के साथ के पक्ष में नहीं
राहुल का बयान उस वक्त आया, जब देश के सबसे बड़े राज्य उप्र में सपा-बसपा ने एकसाथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायवती कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पार्टियां कांग्रेस के लिए सिर्फ दो सीटें रायबरेली और अमेठी छोड़ सकती हैं, जहां से सोनिया गांधी और राहुल गांधी सांसद हैं।इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने उनके किसी भी शांति प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, दो परमाणु सम्पन्न देशों के बीच कोई भी युद्ध आत्मघाती हो सकता है। शांति के लिए द्विपक्षीय वार्ता ही एकमात्र सही रास्ता है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी प्रमुख इमरान खान ने तुर्की की एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। पीटीआई के मुताबिक, इमरान खान ने इच्छा जताई है कि वह एक बार फिर शांति वार्ता के लिए भारत से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि वे दो देशों के बीच शीत युद्ध के लिए भी कभी तैयार नहीं रहे, क्योंकि ये दोनों के हित में नहीं था।
इमरान ने कहा, दो परमाणु सम्पन्न देशों को युद्ध के बारे में कभी नहीं सोचना चाहिए। इनके बीच शीत युद्ध भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे हालात और भी बिगड़ जाते हैं। द्विपक्षी बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। दो परमाणु देशों के लिए युद्ध सुसाइड की तरह है। कश्मीर मुद्दे पर इमरान ने कहा कि भारत कभी भी कश्मीरी लोगों के अधिकारों को कुचल नहीं पाएगा।
उन्होंने कहा, भारत ने कभी भी शांति वार्ता पर प्रतिक्रिया नहीं दी। भारत हमेशा से यह कहता रहा है कि आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते। अगर भारत शांति के लिए एक कदम बढ़ाता, तो हम दो कदम बढ़ाते। लेकिन, भारत हमेशा से ही पाकिस्तान के बातचीत के ऑफर को ठुकराता रहा।
2016 में पाकिस्तान आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों और पाक अधिकृत कश्मीर के अंदर भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत-पाक संबंध ज्यादा तनावपूर्ण हो गए। साथ ही 2017 के बाद से दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होने के कारण भी दोनोंं देशों के बीच संबंध और भी खराब हो गए।

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