रफ़ाल जैसा जंगी विमान पाक-चीन के पास नहीं'

अभी भारत के सभी 32 स्क्वाड्रन पर 18-18 फ़ाइटर प्लेन हैं. एयरफ़ोर्स की आशंका है कि अगर एयरक्राफ़्ट की संख्या नहीं बढ़ाई गई तो स्क्वाड्रन की संख्या 2022 तक कम होकर 25 ही रह जाएगी और यह भारत की सुरक्षा के लिए ख़तरनाक होगा.
भारत के वर्तमान आर्मी प्रमुख जनरल बिपिन रावत कई बार टू फ्रंट वॉर मतलब एक साथ दो देशों के आक्रमण की बात कह चुके हैं. जरल रावत की इस टिप्पणी को भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान और चीन के गठजोड़ के तौर पर देखा गया. मतलब पाकिस्तान अगर भारत से युद्ध छेड़ता है तो चीन भी उसका साथ दे सकता है. ऐसे में क्या भारत दोनों से निपट सकेगा?
गुलशन लुथरा ने अपने इंटरव्यू में कहा था, ''पाकिस्तान को तो हमलोग हैंडल कर सकते हैं. लेकिन हमारे पास चीन की कोई काट नहीं है. अगर चीन और पाकिस्तान दोनों साथ आ गए तो हमारा फंसना तय है.''
भारत और चीन 1962 में एक युद्ध कर चुके हैं. भारत को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था. अब भी दोनों देशों के बीच सीमा का स्थाई तौर पर निर्धारण नहीं हो सका है.फ़ाएल का इस्तेमाल सीरिया और इराक़ में किया जा चुका है. इसकी क़ीमत को लेकर भी आलोचना हो रही है. पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी क़ीमत को लेकर कहा था कि भारत और लड़ाकू विमान ख़रीदने में सक्षम नहीं है.
उन्होंने कहा था, ''मैं ख़ुद भी चाहता हूं कि बीएमडब्ल्यू और मर्सीडीज रखूं पर मेरे पास नहीं हैं, क्योंकि मैं खर्च वहन नहीं कर सकता.'' कई रक्षा विश्लेषकों का यह भी कहना है कि भारत छोटे और हल्के फ़ाइटर प्लेन को पूरी तरह से ख़त्म कर रफ़ायल जैसे फ़ाइटर प्लेन को लाने में सक्षम नहीं है.
राहुल बेदी भी क़ीमत को लेकर कहते हैं कि यह डर का कारोबार है जो थमता नहीं दिख रहा.
वो कहते है, ''भारत ने अरबों डॉलर लगाकर रफ़ाएल ख़रीदा है. संभव है कि इसका इस्तेमाल कभी ना हो और लंबे समय में इसकी तकनीक पुरानी पड़ जाए और फिर भारत को दूसरे फ़ाइटर प्लेन ख़रीदने पड़े. यह डर का कारोबार है जो दुनिया के ताक़तवर देशों को रास आता है. भारत इनके लिए बाज़ार है और यह बाज़ार युद्ध की आशंका पर ही चलता है. इसके कारोबारी आशंका को बढ़ाए रखते हैं और ग्राहक डरा रहता है.''
हालांकि राहुल बेदी कहते हैं कि डर के इस कारोबार से भारत के लिए निकलना बहुत मुश्किल है क्योंकि उसके पड़ोसी चीन और पाकिस्तान है. क्या रफ़ाएल से चीन और पाकिस्तान को डर लगेगा?
राहुल बेदी कहते हैं, ''चीन को तो क़तई नहीं. पाकिस्तान के बारे में भी मैं पूरी तरह से 'हां' नहीं कह सकता. अगर 72 रफ़ाएल होते तो पाकिस्तान को डरना पड़ता, लेकिन 36 में डर जैसी कोई बात नहीं है. आज की तारीख़ में पाकिस्तान को रफ़ाएल से चार बट्टा 10 डर लगेगा और 9 बट्टा 10 नहीं डरेगा.''
बेदी के मुताबिक 2020 तक पाकिस्तान के भी 190 फ़ाइटर प्लेन बेकार हो जाएंगे. अगर पाकिस्तान चाहता है कि वो 350 से 400 की संख्या बनाए रखे तो उसे भी फ़ाइटर प्लेन का सौदा करना होगा.
कई पर्यवेक्षकों का कहना है कि भारत से बराबरी करने के लिए भी पाकिस्तान अपना क़दम बढ़ा सकता है.
अमरीकी सीनेट ने पाकिस्तान के साथ आठ एफ़-16 फ़ाइटर प्लेन का सौदा रोक दिया था. अमरीका ने इसे रोकने के पीछे तर्क दिया था कि पाकिस्तान आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में भरोसेमंद नहीं है. पाकिस्तान की अभी आर्थिक हालत ठीक नहीं है कि वो रफ़ायल जैसा सौदा करे.

Comments

Popular posts from this blog

डेविड बेकहम का अनुमान, इन दो टीमों के बीच हो सकता है वर्ल्‍डकप का फाइनल

انتخابات تونس: ماذا يعني صعود قيس سعيد ونبيل القروي؟

وفاة عباسي مدني مؤسس الجبهة الإسلامية للإنقاذ الجزائرية