देखन में छोटे लगें, रिटर्न दें भरपूर
कारोबार की दुनिया में भी कु छ पूरे विकसित हाथी होते हैं, कुछ नवजात हाथी यानी नये पैदा हुए। प्रकृति का नियम है कि नवजात हाथी या नवजात बच्चा दोनों ही तेज गति से बढ़ते हैं। नवजात बच्चे की सालाना विकास दर 100 प्रतिशत या 200 प्रतिशत भी हो सकती है। यानी पैदा होते वक्त जो वज न था, उसका दोगु ना वजन अगले साल हो सकता है। इस विकास दर को बड़े होने पर बनाये रखना मुश्किल होता है। इसलिए बड़ी कंपनियों का विकास हर साल सौ प्रतिशत की रफ्तार से न हीं हो सकता। बड़ी कंपनियों के शेयर शायद ही एक साल में कभी सौ प्रतिशत उछलते हों। पर छोटी कंपनियों के मामले में यह संभव है क्योंकि वह विकास की शैशवावस्था में होती हैं और विकास की तेज रफ्तार में होती हैं। छोटी कंपनियों की डूबने की रफ् तार भी बहुत तेज होती है क्योंकि उनके पास संसाधनों का, ब्रांड का वैसा सहारा नहीं होता, जैसा बड़ी कंपनियों के पास होता है। इसलिए जो एक्सपर्ट, जो निवेशक छोटी कंपनियों के निवेश में महारथ हासिल कर लेते हैं, उनके रिटर्न बहुत शानदार आते हैं। पर छोटी कंपनियों में निवेश में महारथ हासिल करना बहुत मुश्किल काम है। इसकी वजह यह है कि ब